Shaheed Diwas 2022: 23 मार्च 1931 को देश के लिए कुर्बान हुए भगत सिंह, जानें उनके कुछ प्रेरणादायी विचार
Bhagat Singh Death Anniversary: भगत सिंह को शहीदे आजम कहकर लोग याद करते हैं. शहीदे आजम का जन्म पाकिस्तान के एक गांव लायलपुर में हुआ था..
Shaheed Diwas: साल था 1931 और तारीख 23 मार्च... रात का समय था. उस रात भगत सिंह के साथ सुखदेव और राजगुरु अपने देश की आजादी के लिए खुद कुर्बान हो गए थे. लाहौर षडयंत्र के आरोप में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें फांसी पर लटका दिया था. उस समय भगत सिंह की उम्र महज 23 साल थी. सिर्फ 23 साल की उम्र में भारत मां की आजादी के लिए उन्होंने हंसते-हंसते अपनी जान का बलिदान दे दिया. तभी से हर साल 23 मार्च को इनकी याद में शहीद दिवस मनाया जाता है.
भगत सिंह को शहीदे आजम कहकर लोग याद करते हैं. शहीदे आजम का जन्म पाकिस्तान के एक गांव लायलपुर में हुआ था. 28 सितम्बर 1907 को जन्मे भगत 12 साल की उम्र से ही आंदोलन में कूद पड़े थे. उनकी 92वीं पुण्यतिथि पर हम आपके लिए उनके कुछ विचार लेकर आए हैं, जो आपको जीवन में आगे बढ़ने में मदद करेंगे.
जानें भगत सिंह के कुछ विचार
1. जो व्यक्ति उन्नति के लिए राह में खड़ा होता है, उसे परंपरागत चलन की आलोचना और विरोध करना होगा.
2. कठोरता एवं आजाद सोच ये दो क्रांतिकारी होने के गुण हैं.
3. जीवन अपने दम पर चलता है.... दूसरों के कन्धों पर तो अंतिम यात्रा पूरी होती है.
4. व्यक्तियों को कुचल कर, वे विचारों को नही मार सकते
5. प्रेमी पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं और देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं.
1. जो व्यक्ति उन्नति के लिए राह में खड़ा होता है, उसे परंपरागत चलन की आलोचना और विरोध करना होगा.
2. कठोरता एवं आजाद सोच ये दो क्रांतिकारी होने के गुण हैं.
3. जीवन अपने दम पर चलता है.... दूसरों के कन्धों पर तो अंतिम यात्रा पूरी होती है.
4. व्यक्तियों को कुचल कर, वे विचारों को नही मार सकते
5. प्रेमी पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं और देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं.
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